महत्वपूर्ण प्रश्न यह नहीं है कि सर्वश्रेष्ठ जीवन क्या है बल्कि यह है कि क्या है जो हमें एक सर्वश्रेष्ठ जीवन जीने से रोकता है।
क्या जीवन सच में कठिन है या अपनी मान्यताओं, कल्पनाओं, उम्मीदों को बचाए रखने के कारण हम उसे कठिन बना लेते हैं?
क्या कामनाओं की पूर्ति ही जीवन का असली उद्देश्य है? अध्यात्म में त्याग की बात क्यों कही गयी है? त्याग का वास्तव में अर्थ क्या है? वैदिक ग्रंथों का सबसे ऊँचा आदर्श क्या है?
इन सभी प्रश्नों के उपयोगी अर्थ मिलते हैं इस कोर्स के माध्यम से।
आचार्य प्रशांत का यह सरल कोर्स "सर्वश्रेष्ठ जीवन" श्वेताश्वेतर उपनिषद के अध्याय 4 के कुछ श्लोकों पर आधारित है।
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