चुनाव तो हम प्रतिपल ही करते हैं, पर क्या वह हमारे मन को और स्पष्टता देते हैं, शांत करते हैं या उसे और बंधनों में जकड़ देते हैं?
कई बार सही चुनाव तो कर लेते हैं पर उसमें तीव्रता और आवृष्टि नहीं होती। इसी कारण जीवन में बदलाव नहीं आ पाता है।
गलत चुनाव एक गलत जीवन को जन्म देता है। जब जीवन गलत होता है तो आमतौर पर मन दुनिया को अपना दुश्मन समझ बैठता है।
इन्हीं सब बातों में जीवन बीत जाता है।
यह कोर्स एक मौका है उन सभी के लिए जो ज़िन्दगी में सही चुनाव को वरीयता देता चाहते हैं और वास्तव में बदलाव लाने में उत्सुक हैं।
प्रतिपाल सही चुनाव जीवन को ऐसी ऊँचाइयों पर ले जा सकता है जिसके हम सभी हक़दार हैं।
आचार्य प्रशांत का यह सरल कोर्स "सही चुनाव कैसे करें?" श्वेताश्वेतर उपनिषद के अध्याय 3 पर आधारित है।
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