दो बातें होनी चाहिए, सबसे पहले तो जब आप अपने-आपको किसी धर्म संकट में पाएँ, स्वीकार करें कि आप नहीं जानते कि क्या करना है और दूसरी बात— आपमें इतनी श्रद्धा हो कि आप अपने से अलग, अपने अहंकार से अलग किसी की सुन पाएंँ, उसके सामने झुक पाएंँ। इन दोनों शर्तों का एक साथ पूरा होना ज़रा विरल है। आपको न सिर्फ़ यह मानना है कि आपको नहीं पता, आपको यह भी मानना है कि आपसे हटकर कोई है जिसे पता है।
कैसे जानें की सर्वप्रथम हमारे लिए क्या जरूरी?
सामाजिक पहचानों का क्या स्थान होना चाहिए?
कैसे निर्णय करें कौन से कर्तव्य श्रेष्ठ हमारे लिए?
इस पाठ्यक्रम के माध्यम से हम जानेंगे की महाभारत की कथाओं का क्या अर्थ है और किस तरह हम इन कथाओं से सीख लेके अपने जीवन को सुंदर और सुगम बना सकते हैं। अपने जीवन को एक नई दिशा दीजिए, आचार्य प्रशांत के साथ महाभारत की कहानियों पर आधारित इस सरल कोर्स में।
Can’t find the answer you’re looking for? Reach out to our support team.