फ़र्क नहीं पड़ता की आपकी आंखों में क्या भरा हुआ है, पर जब आपकी आंखों में कुछ भी भरा हुआ है, तब आपको कृष्ण दिखाई नहीं देंगे। और आवश्यक नहीं कि आपकी आंखों में काम, क्रोध, लोभ, भय इत्यादि ही भरे हुए हों, आपकी आंखों में अगर धर्म भी भरा हुआ है, आपकी आंखों में अगर ज्ञान भी भरा हुआ है, तो भी आपको कृष्ण नहीं दिखाई देंगे।
धर्म का अर्थ है श्रद्धा रखना, कि जब मौका आएगा तो हमें पता चल जाएगा। हमें पूर्व संचित ज्ञान की कोई आवश्यकता नहीं है। जब मौका आएगा हमें पता चल जाएगा।
इस पाठ्यक्रम के माध्यम से आपकी आंखों में जो कुछ भी भरा हो, चाहे वो इच्छाएंँ हों, चाहे वो धर्म हो या ज्ञान हो, उसको धो डालिए। अपने जीवन को एक नई दिशा दीजिए, आचार्य प्रशांत के साथ महाभारत की कहानियों पर आधारित इस सरल कोर्स में।
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