संतों ने हमेशा संगत पर विशेष ज़ोर दिया है। व्यक्ति की संगत उसे ऊँचे से ऊँचा जीवन भी दे सकती है और नीचे से नीचा भी।
इस कोर्स में हम जानेंगे की— विभन्न परिस्थितयों में रहने के बावजूद भी सही संगत का चुनाव किस आधार पर करें? मुक्ति कैसे चुनें? क्या मुक्ति का चुनाव स्वयं बंधक से आता है? जीव के भटकने का कारण क्या है? मन और आत्मा में से किसी एक का चुनाव कैसे करें?
आचार्य प्रशांत द्वारा इस कोर्स में सही निर्णय लेने के अभ्यास से लेकर ऊँचे मूल्यों की शिक्षा को निरंतर बनाये रखने हेतु आसान भाषा में परमहंस गीता के मर्म को पहुँचाने का प्रयास किया गया है।
Can’t find the answer you’re looking for? Reach out to our support team.