जीवन लगातार एक चुनौती है जो प्रश्नचिह्न बनकर आपके सामने खड़ी रहती है। लगातार मन में प्रश्नों की बाढ़ लगी होती है, अगर गुरु का सहारा न हो, भीतर श्रद्धा न हो, और जो सतत मिल रहा है उसके प्रति हम अहसानमंद न हो, तो जीवन जीना अत्यंत कठिन प्रतीत होता है।
क्या चुनें अनुशासन या मुक्ति?
बुद्ध पुरुषों का सच क्या है?
क्या सच में शिव हैं? अगर नहीं है तो किसके प्रति श्रद्धा रखें?
जीवन के कुछ ऐसे ही प्रश्नों के उत्तर इस पाठ्यक्रम में आचार्य प्रशांत ने बहुत सरल भाषा में हमें समझाएंँ हैं। काम से राम तक के इस कोर्स में जानिए इन सारे प्रश्नों के उत्तर।
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