MOBILE
AP Books
Fear Book

Fear Book

A psychological cruth
eBook
Available Instantly
Suggested Contribution
₹170
₹200
Already have eBook?
Login

Book Details

Language
english

Description

हम जिसे प्रेम कहते हैं वह हम तक मात्र किस्से-कहानियों और फिल्मों के माध्यम से पहुँचा है। ये भी एक ग़लतफहमी है कि प्रेम नैसर्गिक होता है। प्रकृति में, जानवरों में जो प्रेम दिखता है वो प्राकृतिक सौहार्द हो सकता है, प्रेम नहीं। प्रेम तो सीखना पड़ता है। प्रेम वास्तव में है मन का निरंतर आकर्षण, सतत प्रवाह शांति की तरफ। प्रेम का वरदान या प्रेम की संभावना तो बस इंसान को ही मिली है। वो भी संभावना मात्र है। प्रेम मिलेगा किसी कृष्ण जैसे के पास।
Suggested Contribution
₹170
₹200
REQUEST SCHOLARSHIP
Share this Book
Have you benefited from Acharya Prashant's teachings?
Only through your contribution will this mission move forward.
Donate to spread the light