मनुष्य नहीं पैदा होता, एक समस्या पैदा होती है। हमारे शरीर में ही समस्या बैठी हुई है। और उसका उत्तर नहीं मिल रहा तो बाकी सब उत्तर व्यर्थ हैं।
उपनिषद् उस मूल समस्या का समधान करते हैं जिसको अगर काट दिया तो बाकी सब समस्याएँ अपने आप ठीक हो जाती हैं।
जानें वेदान्त का सार आचार्य प्रशांत की पुस्तक 'वेदान्त' से।
Index
1. मात्र एक विशेष विधि से पढ़े जाते हैं उपनिषद्2. ब्रह्म सच है - न देवता न ईश्वर न भगवान3. मात्र उनके लिए जो ऊँचा उठना चाहते हों4. क्यों रचा गया वेदान्त?5. सबसे बड़ा दुश्मन, सबसे बड़ा दोस्त6. समूची प्रकृति की इच्छा