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 ज्ञान

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झुकेगा नहीं तो रावण बनेगा
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Book Details

Language
hindi

Description

रावण की बुद्धि बड़ी तेज़ थी, उसे सारे शास्त्रों का ज्ञान था, पर परिणाम क्या मिला? दुःख, तड़प और अंत में हार।

ज्ञान है किसी विषय की जानकारी और विवेक है उस जानकारी का सही उपयोग―अपने बंधनों को काटने के लिए।

आप यदि ज्ञानी हैं तो इसका अर्थ ये नहीं है कि आपका जीवन सुलझा हुआ और सरल होगा।

ज्ञान मायने नहीं रखता, मायने रखता है कि आपका ज्ञान किसको नमित है।

ज्ञान तो साधन है पर साध्य क्या है, वासना की पूर्ति या शांति? रावण या राम?

यदि आपका ज्ञान आपको बोध की दिशा नहीं ले जा रहा तो वह केवल आत्मविनाश ही करेगा। आपका ज्ञान राम को नमित नहीं है तो वह रावण को ही नमित रहेगा।

इस दशहरे के अवसर पर अपनी बुद्धि को अपने भीतर बैठे राम (बोध) को समर्पित करें। इस पुस्तक का यही उद्देश्य है।

Index

1. ज्ञान का उपयोग नहीं कर पाते? 2. अपनी सीमाओं का ज्ञान 3. ज्ञान जीवन नहीं बनेगा तो सड़ेगा और बोझ बनेगा 4. बेईमान को ज्ञान नहीं डंडा चाहिए 5. आपका ज्ञान कहाँ से आया, आचार्य जी? 6. गॉसिप ही ज्ञान है
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