कोविद -19 प्रकोप ने अनुचित रूप से हमारी जीवन शैली को बाधित किया। परंतु कहीं ये जीवन शैली ही इस महामारी की जननी तो नहीं?
आचार्य प्रशांत प्राचीन ज्ञान के प्रकाश में वैश्विक संकट के वास्तविक समाधान के रूप में आध्यात्मिकता पर प्रकाश डालते हैं।
आचार्य प्रशांत कहते हैं: सामूहिक कार्रवाई से मदद नहीं मिलेगी; संस्थागत हस्तक्षेप मदद नहीं करेगा; आखिरकार, यह सभी सामूहिकता और सभी संस्थागत कार्रवाई के पीछे आदमी का दिमाग है। मनुष्य के मन को बदलना होगा। मूलभूत समस्या मानव मन का अंधकार है। और केवल आध्यात्मिक ज्ञान ही इसे ठीक कर सकता है।
Index
1. ईश्वरीय प्रकोप?2. अर्थव्यवस्था और बेहोशी3. धर्म और बुद्धि4. बुद्धिजीवी वर्ग और नास्तिकता5. धार्मिक, अधर्मी एवं धर्महीन6. बाबाजी करेंगे इलाज?