MOBILE
आध्यात्मिक भ्रांतियाँ

आध्यात्मिक भ्रांतियाँ

प्रचलित भ्रांतियाँ व उनका निवारण
eBook
Available Instantly
Suggested Contribution
₹250
Already have eBook?
Login

Book Details

Language
hindi

Description

भाषा सीमित है, और इन सीमाओं कटु बोध जितना आध्यात्मिक ग्रंथों का अध्ययन करते समय होता है उतना और कभी नहीं होता। प्राचीन काल से ही मनुष्य ने ईश्वरीय अनुकंपा को शब्दों द्वारा दूसरों तक पहुँचाने के निरंतर प्रयास किये हैं, परन्तु सदी-दर-सदी संतों व रहस्यदर्शियों के सरलतम वचनों को भी मनुष्य ने अपने अहंकार की बलि चढ़ा दिया है।

यह पुस्तक आचार्य प्रशांत के शब्दयोग सत्रों की एक ऐसी श्रृंखला है जो मन से हर प्रकार की भ्रांतियों की सफाई करती है। आचार्य जी के सरल वक्तव्यों के सामने सैद्धांतिक जटिलता कोई ठौर नहीं पाती। यह ग्रन्थ जहाँ एक तरफ सामान्यतः निजी कहे जाने वाले विषयों जैसे भावुकता, प्रेम, और कर्ता-भाव की बात करता है तो दूसरी ओर समय, सत्य, और आत्म जैसे दार्शनिक विषयों पर भी प्रकाश डालता है।

इस पुस्तक का उद्देश्य पाठक के मन को ज्ञान से भरना नहीं है। यह विरल ग्रन्थ तो मानवता को ज्ञान के उस तमाम बोझ से मुक्ति दिलाने के लिए है जो अज्ञान से भी ज़्यादा खतरनाक है।

जिन्हें ज्ञान से मुक्ति चाहिए हो, वे ही श्रद्धापूर्वक इस ग्रन्थ में प्रवेश करें।

Index

1. भावुकता हिंसा है, संवेदनशीलता करुणा 2. संवेदनशीलता, भावुकता नहीं 3. जो समय में है वो समय बर्बाद कर रहा है 4. काल और कालातीत 5. त्याग – छोड़ना नहीं है, जागना है 6. छोड़ना नहीं, पाना
View all chapters
Suggested Contribution
₹250
REQUEST SCHOLARSHIP
Share this Book
Have you benefited from Acharya Prashant's teachings?
Only through your contribution will this mission move forward.
Donate to spread the light